अर्जुन पुरस्कार: विविध प्रकारच्या खेळांत व क्रीडांत प्रतिवर्षी सर्वोत्कृष्ट ठरणाऱ्या भारतीय खेळाडूंना व्यक्तिश: देण्यात येणारा राष्ट्रीय पुरस्कार. पुरस्कार देण्याची प्रथा भारत सरकारने १९६१ पासून सुरू केली. भारतातील क्रीडाप्रकार व खेळ यांच्या विकासास उत्तेजन देणे, हा या पुरस्कारामागील उद्देश आहे. ‘ऑल इंडिया कौन्सिल ऑफ स्पोर्टस’ (ए.आय.सी.एस.) व भारत सरकारचे शिक्षण-मंत्रालय यांनी मान्यता दिलेल्या राष्ट्रीय संघटनांकडून प्रतिवर्षी अर्जुन पुरस्कारासाठी प्रवेश-अर्ज मागविण्यात येतात. ‘ए.आय.सी. एस.’ ची स्थायी समिती आलेल्या प्रवेशांची छाननी करते व त्यांतून खेळाडूंची निवड करून त्यांची शिफारस ‘ए.आय.सी.एस.’ कडे करते. नंतर ‘ए.आय.सी.एस.’ कडून या निवडीची फेरतपासणी होऊन पुरस्कृत खेळाडूंची नावे भारत सरकारकडे पाठविली जातात. ‘ए.आय.सी.एस.’ च्या शिफारशींशिवायहीसरकार स्वतःच्या निकषांवर एखाद्या खेळाडूस पुरस्कार देऊ शकते. एखाद्या वर्षाच्या पुरस्कारासाठी खेळाडूची निवड करताना, त्याच्या त्या वर्षाच्या सर्वोत्कृष्ट प्रावीण्याबरोबरच, तत्पूर्वीच्या तीन वर्षांतील राष्ट्रीय वा आंतरराष्ट्रीय पातळीवरील त्याचे क्रीडा-नैपुण्यही विचारात घेतले जाते. एकाच खेळाडूस हा पुरस्कार दोनदा दिला जात नाही. हा पुरस्कार पदक व शिफारसपत्र या स्वरूपात असतो. या पुरस्कारात रोख रकमेचा व विशेषाधिकारांचा समावेश नसतो. पदक ब्राँझचे असून ते मत्स्यवेध करणाऱ्या धनुर्धारी अर्जुनाच्या शिल्पाकृतीचे असते. शिफारसपत्रामध्ये अर्जुनाचे चित्र व इंग्रजी-हिंदी भाषांतून खेळाडूचे नाव, क्रीडाप्रकार व वर्ष यांचा निर्देश असतो. या शिफारस-पत्राच्या वरील बाजूस भारत सरकारचे बोधचिन्ह व खालील बाजूस शिक्षण मंत्रालयाच्या सचिवाची स्वाक्षरी असते. ‘ए.आय.सी.एस’ ने मान्यता दिलेल्या
अर्जुन पुरस्कारांचा तक्ता : १९६१ ते १९७१ |
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क्रीडाप्रकार |
वर्ष |
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१९६१ | १९६२ | १९६३ | १९६४ | १९६५ | १९६६ | १९६७ | १९६८ | १९६९ | १९७० | १९७१ | एकूण | |
हॉकी | २ | – | १ | १ | २ | ३ | ३ | १ | – | १ | १ | १५ |
व्यायामी खेळ (अथलेटिक्स) | १ | १ | १ | १ | १ | २ | २ | २ | १ | १ | १ | १४ |
फुटबॉल | १ | १ | १ | १ | १ | १ | १ | – | १ | १ | १ | १० |
कुस्ती | १ | १ | १ | १ | – | १ | १ | – | १ | १ | – | ८ |
क्रिकेट | १ | – | – | १ | १ | १ | १ | १ | १ | १ | १ | ९ |
वजन उचलणे | १ | १ | १ | – | १ | १ | १ | – | – | १ | १ | ८ |
टेबल टेनिस | १ | – | – | १ | – | १ | १ | – | १ | १ | १ | ७ |
बॅटमिंटन | १ | १ | – | – | १ | – | १ | – | १ | २ | १ | ८ |
टेनिस/लॉन टेनिस | १ | १ | – | – | – | १ | १ | – | – | – | – | ४ |
पोहणे | १ | – | – | – | – | १ | १ | – | १ | – | १ | ५ |
बास्केट बॉल | १ | – | – | – | – | – | १ | १ | १ | १ | १ | ६ |
मुष्टियुद्ध | १ | १ | – | – | – | १ | – | १ | – | – | १ | ५ |
गोल्फ | १ | – | १ | – | – | – | १ | – | – | – | – | ३ |
नेमबाजी/बंदूक निशाणबाजी | १ | – | – | – | – | – | – | १ | १ | – | १ | ४ |
पोलो | १ | – | १ | १ | – | – | – | – | – | – | – | ३ |
व्हॉलीबॉल | १ | १ | – | – | – | – | – | – | – | – | – | २ |
स्कॅश रॅकेट्स | १ | – | – | – | – | – | – | – | १ | – | – | २ |
बलविद्या | १ | – | – | – | – | – | – | – | – | – | – | १ |
बिलिअर्ड् स | – | १ | – | – | – | – | – | – | – | १ | – | २ |
बुद्धिबळ | १ | – | – | – | – | – | – | – | – | – | – | १ |
खोखो | – | – | – | – | – | – | – | – | – | १ | १ | २ |
शीड-जहाज शर्यत | – | – | – | – | – | – | – | – | – | १ | – | १ |
एकूण | २० | ९ | ७ | ७ | ७ | १३ | १५ | ७ | १० | १३ | १२ | १२०* |
*पुरस्कारविजेत्या खेळाडूंमध्ये चौदा स्त्रीखेळाडू आहेत.
याव्यतिरिक्त १९६५ मध्ये भारतीय गिर्यारोहकांच्या तुकडीस यशस्वी एव्हरेस्ट मोहिमेबद्दल पुरस्कार देण्यात आला. १९६९ मधील कुस्तीचा पुरस्कार भारतीय पद्धतीच्या कुस्तीसाठी दिला होता. तीस क्रीडाप्रकारांतील खेळाडूंसाठी हा पुरस्कार ठेवण्यात आला असला, तरी १९६१ ते १९७१ या कालावधीत त्यांपैकी फक्त बावीस खेळांसाठी एकूण १२० खेळाडूंना पुरस्कार देण्यात आले. १९७० मध्ये प्रथमच खोखो व शीड-जहाज शर्यत (यॉटिंग) ह्या खेळांचा अंतर्भाव करण्यात आला. अधिक तपशीलवार आकडेवारी वरील तक्त्यात दिलेली आहे.
पुरस्कारविजेत्या खेळाडूंपैकी विल्सन जोन्स (बिलिअर्ड्स), कृष्णन् (टेनिस) इत्यादींनी आंतरराष्ट्रीय क्रीडाजगतातही लौकिक मिळविला आहे. हे पुरस्कार मिळविणारे काही मराठी खेळाडू नंदू नाटेकर (बॅडमिंटन, १९६१) गणपत आंदळकर (कुस्ती, १९६३) विजय मांजरेकर (क्रिकेट, १९६५) चंदू बोर्डे (क्रिकेट, १९६६) अजित वाडेकर (क्रिकेट, १९६७) दिलीप सरदेसाई (क्रिकेट, १९७०) सुधीर परब (खोखो, १९७०) अचला देवरे (खोखो, १९७१) हे होत.
पंडित, बाळ ज.