कलिंग पारितोषिके : विज्ञानासंबंधी सर्वसामान्य जनतेत आवड निर्माण करण्याच्या दृष्टीने ओरिसाचे माजी मुख्यमंत्री आणि एक मोठे उद्योगपती बिजू पटनाईक यांनी १,००० पौंडांचे कलिंग पारितोषिक प्रतिवर्षी युनेस्कोमार्फत देण्यास १९५२ पासून सुरुवात केली. हे पारितोषिक विज्ञानविषयक लेखन करणाऱ्या अग्रेसर लेखकांना देण्यात येत असून सर्व राष्ट्रांतील शास्त्रज्ञ आणि भारत यांतील संबंध घनिष्ट व्हावेत असाही या पारितोषिकाचा उद्देश आहे. कलिंग पारितोषिके मिळविलेल्या विज्ञान लेखकांची यादी खाली दिली आहे.
वर्ष |
नाव |
राष्ट्र |
१९५२ |
ल्वी द ब्रॉग्ली |
फ्रान्स |
१९५३ |
जूलियन हक्सली |
युनायटेड किंग्डम |
१९५४ |
वाल्डेमार केमफर्ट |
अमेरिकेची संयुक्त संस्थाने |
१९५५ |
ए. पी. सन्नर |
व्हेनेझुएला |
१९५६ |
जॉर्ज गॅमो |
अमेरिकेची संयुक्त संस्थाने |
१९५७ |
बर्ट्रंड रसेल |
युनायटेड किंग्डम |
१९५८ |
कार्ल फोन फ्रीश |
ऑस्ट्रिया |
१९५९ |
झां रोस्ताँ |
फ्रान्स |
१९६० |
रिची कॉल्डर |
युनायडेट किंग्डम |
१९६१ |
आर्थर सी. क्लार्क |
युनायटेड किंग्डम |
१९६२ |
जेरार्ड पिएल |
अमेरिकेची संयुक्त संस्थाने |
१९६३ |
जगजित सिंग |
भारत |
१९६४ |
आर्. डब्ल्यू. वीव्हर |
अमेरिकेची संयुक्त संस्थाने |
१९६५ |
ई. आर्. विच |
फ्रान्स |
१९६६ |
पॉल क्यूडार |
फ्रान्स |
१९६७ |
फ्रेड हॉईल |
युनायटेड किंग्डम |
१९६८ |
गॅव्हिन द बिअर |
युनायटेड किंग्डम |
१९६९ |
कॉनरॅड लोरेन्ट्स |
जर्मनी |
१९७० |
मागर्टारे मीड |
अमेरिकेची संयुक्त संस्थाने |
१९७१ |
प्येअर ओझे |
फ्रान्स |
१९७२ |
फिलिप आबेलसन आणि नायजेल कॉल्डर |
अमेरिकेची संयुक्त संस्थाने युनायटेड किंग्डम |
भदे, व. ग.
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